इंद्रायणी नदी निर्माण: PCMC की बड़ी कार्रवाई: 36 विला तोड़े, 5 करोड़ का जुर्माना

इंद्रायणी नदी निर्माण: PCMC की बड़ी कार्रवाई: 36 विला तोड़े, 5 करोड़ का जुर्माना

Spread the love

इंद्रायणी नदी निर्माण

इंद्रायणी नदी निर्माण: पिंपरी चिंचवड़, पुणे में नदी किनारे शांत और सुंदर जीवन जीने का सपना देख रहे 36 विला मालिकों के लिए शनिवार का दिन एक बुरे सपने जैसा रहा। पिंपरी चिंचवड़ नगर निगम (PCMC) ने चिखली में इंद्रायणी नदी के किनारे बनी “रिवर विला” परियोजना के अंतर्गत आने वाले 36 अवैध बंगलों को ध्वस्त कर दिया।

यह कार्रवाई राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के जुलाई 2024 के सख्त आदेश के बाद की गई, जिसमें इन अवैध निर्माणों से पर्यावरण को हुए नुकसान के लिए 5 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

बाढ़ रेखा के भीतर बना था रिवर विला प्रोजेक्ट

1.8 एकड़ में फैले ये बंगले इंद्रायणी नदी की ‘नीली बाढ़ रेखा’ के भीतर अवैध रूप से बनाए गए थे। यह क्षेत्र पर्यावरणीय दृष्टि से संवेदनशील माना जाता है, और यहां निर्माण कार्य पूरी तरह से निषिद्ध है।

कानूनी लड़ाई और अंतिम फैसला

यह मामला 2020 से चला आ रहा था जब सामाजिक कार्यकर्ता और वकील तानाजी गंभीरे ने एनजीटी में याचिका दायर कर इस परियोजना को पर्यावरण के लिए खतरा बताया। NGT ने जुलाई 2024 में मालिकों के खिलाफ फैसला सुनाया।

अगस्त 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने अपील खारिज की।

5 मई 2025 को डेवलपर की पुनः अपील भी सुप्रीम कोर्ट में अस्वीकार हो गई। 22 मई 2025 को बॉम्बे हाई कोर्ट में मालिकों ने रिट याचिका दायर की लेकिन कोर्ट ने अंतरिम राहत देने से मना कर दिया।

भारी सुरक्षा और दस्तावेजीकरण के साथ कार्रवाई

शनिवार सुबह भारी पुलिस बल, 16 उत्खनन मशीनें और अतिक्रमण विरोधी विभाग के साथ PCMC ने बंगलों को गिराने की कार्रवाई शुरू की। नगर आयुक्त शेखर सिंह ने बताया कि:

13 मई को बंगलों की बिजली-पानी काट दी गई थी।सार्वजनिक घोषणा कर निवासियों को परिसर खाली करने को कहा गया।हर ढांचे की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई।

निवासियों को कानूनी मौका मिला, पर बचाव नहीं हो सका

PCMC का कहना है कि सभी निवासियों को पर्याप्त कानूनी अवसर दिए गए। शुक्रवार को भी उनके वकीलों ने हाई कोर्ट से राहत की मांग की, लेकिन अदालत ने अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया।

भूखंड रहेंगे, लेकिन निर्माण नहीं होगा

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बेशक मालिकों के पास ज़मीन का स्वामित्व रहेगा, लेकिन अब उस पर कोई नया निर्माण नहीं हो सकेगा। कुल 29 मालिक सुप्रीम कोर्ट भी गए थे, लेकिन NGT का आदेश स्पष्ट रूप से सभी अवैध निर्माणों पर लागू होता है।

PCMC की चेतावनी: संपत्ति खरीदने से पहले जांच करें

नगर आयुक्त शेखर सिंह ने कहा कि 5 करोड़ रुपये के जुर्माने की वसूली की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। साथ ही, उन्होंने लोगों से अपील की कि किसी भी संपत्ति की खरीद से पहले उसके कानूनी दस्तावेजों की पूरी जांच ज़रूर करें।

निष्कर्ष: इंद्रायणी नदी किनारे अवैध निर्माण के खिलाफ यह कार्रवाई न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक ठोस कदम है, बल्कि यह भविष्य में अवैध निर्माण करने वालों के लिए एक सख्त चेतावनी भी है। कानून से ऊपर कोई नहीं – यही संदेश साफ तौर पर सामने आया है।

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *