“किसान क्रेडिट कार्ड योजना: जानिए पात्रता, लाभ और आवेदन प्रक्रिया”

“किसान क्रेडिट कार्ड योजना: जानिए पात्रता, लाभ और आवेदन प्रक्रिया”

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किसान क्रेडिट कार्ड योजना: किसानों की वित्तीय ज़रूरतों का समाधान

1.किसान क्रेडिट कार्ड योजना: किसानों की वित्तीय ज़रूरतों का समाधान

किसान क्रेडिट कार्ड योजना: भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां किसानों की भूमिका न केवल खाद्य सुरक्षा बल्कि आर्थिक स्थिरता के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसी को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card – KCC) योजना की शुरुआत की, ताकि किसानों को उनकी कृषि संबंधी आवश्यकताओं के लिए समय पर, सरल और सस्ती बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।

2.क्या है किसान क्रेडिट कार्ड (KCC)?

किसान क्रेडिट कार्ड योजना का उद्देश्य किसानों को एकल खिड़की प्रणाली के माध्यम से खेती, कृषि से जुड़ी गतिविधियों और उपभोग संबंधी आवश्यकताओं के लिए पर्याप्त और समय पर ऋण सहायता प्रदान करना है।

भारत सरकार इस योजना के तहत किसानों को 2% की ब्याज छूट और 3% त्वरित पुनर्भुगतान प्रोत्साहन देती है, जिससे किसानों को केवल 4% की रियायती दर पर ऋण मिल जाता है।

3.योजना का विकास और सुधार

2004 में योजना का विस्तार निवेश ऋण और गैर-कृषि गतिविधियों के लिए किया गया।2012 में श्री टी.एम. भसीन की अध्यक्षता में एक कार्य समूह द्वारा इसे सरल और डिजिटल रूप में परिवर्तित करने की सिफारिश की गई, जिससे इलेक्ट्रॉनिक KCC कार्ड जारी करना आसान हुआ।

4.योजना के प्रमुख उद्देश्य

1. फसल उत्पादन के लिए अल्पकालिक ऋण।

2. फसल के बाद के खर्चे।

3. फसल विपणन के लिए ऋण।

4. परिवार की उपभोग आवश्यकताएं।

5. कृषि परिसंपत्तियों का रखरखाव।

6. निवेश हेतु दीर्घकालिक ऋण।

5.KCC कार्ड का प्रकार

KCC एक चुंबकीय पट्टी वाला डेबिट कार्ड होता है, जो PIN के साथ आता है और सभी बैंकों के ATM व माइक्रो-ATM पर कार्य करता है।इसके अतिरिक्त, बैंक आधार आधारित बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण वाले कार्ड या EMV चिप कार्ड भी जारी कर सकते हैं।

6.ऋण सीमा कैसे तय होती है?

1. प्रथम वर्ष के लिए फसल, उपभोग, मरम्मत और बीमा लागत को जोड़कर सीमा निर्धारित होती है।

2. बाद के वर्षों में लागत में अनुमानित वृद्धि के अनुसार सीमा में सालाना 10% की बढ़ोतरी होती है।

3. एक वर्ष में एक से अधिक फसलें उगाने वाले किसानों के लिए सीमा फसल पैटर्न के अनुसार तय की जाती है।

4. निवेश ऋण (जैसे सिंचाई, मशीनरी आदि) किसान की चुकौती क्षमता और संपत्ति की लागत पर निर्भर करता है।

5. अधिकतम सीमा में अल्पकालिक और दीर्घकालिक ऋणों को जोड़कर एक कुल सीमा तय की जाती है।

7.पात्रता कौन प्राप्त कर सकता है?

व्यक्तिगत या संयुक्त रूप से मालिक किसानकाश्तकार, पट्टेदार, बटाईदारस्वयं सहायता समूह (SHG) या संयुक्त देयता समूह (JLG)

8.आवेदन प्रक्रिया (ऑनलाइन)

1. संबंधित बैंक की वेबसाइट पर जाएं।

2. ‘किसान क्रेडिट कार्ड’ विकल्प चुनें।

3. ‘आवेदन करें’ पर क्लिक करें और फॉर्म भरें।

4. फॉर्म सबमिट करने पर एक आवेदन संदर्भ संख्या मिलेगी।

5. पात्र पाए जाने पर बैंक 3-4 कार्य दिवसों में संपर्क करेगा।

9.आवश्यक दस्तावेज

आवेदन पत्र और दो पासपोर्ट आकार फोटो।पहचान प्रमाण (आधार, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर ID आदि)।पता प्रमाण।भूमि स्वामित्व प्रमाण (राजस्व प्राधिकरण द्वारा प्रमाणित)।फसल पैटर्न की जानकारी।उच्च ऋण सीमा (₹1.60 लाख / ₹3.00 लाख से अधिक) के लिए सुरक्षा दस्तावेज।

निष्कर्ष: किसान क्रेडिट कार्ड योजना भारत सरकार की एक अनोखी पहल है, जो किसानों को वित्तीय आज़ादी और सुरक्षा प्रदान करती है। यह योजना न केवल कृषि को स्थिरता देती है, बल्कि किसानों को आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर भी अग्रसर करती है। यदि आप एक किसान हैं और अब तक आपने इस योजना का लाभ नहीं उठाया है, तो आज ही आवेदन करें और इसका लाभ उठाएं।

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