चीनी और दिल की बीमारी: क्या दिल का दौरा कोलेस्ट्रॉल से नहीं बल्कि चीनी से होता है? जानें चौंकाने वाला सच!

चीनी और दिल की बीमारी: क्या दिल का दौरा कोलेस्ट्रॉल से नहीं बल्कि चीनी से होता है? जानें चौंकाने वाला सच!

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चीनी और दिल की बीमारी: “मिठास में छुपा ज़हर?क्या चीनी बना रही है आपका दिल कमजोर?”

चीनी और दिल की बीमारी: हृदय रोगों के लिए अब तक सबसे बड़ा दोषी कोलेस्ट्रॉल को माना जाता रहा है। लेकिन हालिया शोधों ने इस सोच को झकझोर दिया है। एक नया अध्ययन इस ओर इशारा करता है कि दिल की बीमारी का असली खतरा अत्यधिक चीनी सेवन हो सकता है — और वह भी कोलेस्ट्रॉल से कहीं अधिक।

1.क्या कहता है शोध?

BMC Medicine में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि मुक्त शर्करा (free sugars) — जैसे कि सोडा, फलों के रस, सिरप और प्रोसेस्ड फूड में मिलने वाली शक्कर — हृदय रोग और स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा सकती है।9 वर्षों तक 110,000 से अधिक प्रतिभागियों पर किए गए अध्ययन से पता चला कि हर 5% मुक्त चीनी की वृद्धि से: हृदय रोग का खतरा 6% तक बढ़ता हैस्ट्रोक का खतरा 10% तक बढ़ता है

यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि अध्ययन में फलों और सब्जियों में पाई जाने वाली प्राकृतिक शर्करा को शामिल नहीं किया गया था। चीनी और दिल की बीमारी हो सकती है।

2.चीनी हानिकारक क्यों है?

चीनी का अत्यधिक सेवन लीवर पर अत्यधिक दबाव डालता है, जिससे वसा का निर्माण बढ़ता है और फैटी लीवर रोग हो सकता है। यही स्थिति आगे चलकर डायबिटीज़ और हाई ब्लड प्रेशर का कारण बनती है — दोनों ही हृदय रोग के प्रमुख कारण हैं।

3.अन्य खतरनाक प्रभाव:

उच्च रक्तचाप

जीर्ण सूजन

मोटापा

टाइप 2 डायबिटीज़

फैटी लीवर

इन सभी स्थितियों का सीधा संबंध दिल के दौरे और स्ट्रोक से है।

5.क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के पोषण विशेषज्ञ प्रोफेसर वाल्टर विलेट के अनुसार, “चीनी-युक्त पेय से दूरी बनाना शायद सबसे जरूरी कदम है।”उन्होंने चेतावनी दी कि “फलों का रस और कोल्ड ड्रिंक, दोनों का असर शरीर पर लगभग एक जैसा ही होता है।”

फाइबर भी है फायदेमंदअध्ययन में यह भी पाया गया कि हर दिन 5 ग्राम फाइबर का सेवन करने से दिल की बीमारी का खतरा 4% तक कम हो सकता है। चीनी और दिल की बीमारी हो सकती हैं।

6.तो क्या करें? दिल को स्वस्थ कैसे रखें?

1. चीनी-युक्त पेयों और मिठाइयों से दूरी बनाएं

2. साबुत अनाज, फल और सब्ज़ियों को आहार में शामिल करें

3. फलों का रस भी सीमित मात्रा में ही लें

4. प्राकृतिक फाइबर का सेवन बढ़ाएं

5. शरीर को एक्टिव रखें और वजन नियंत्रित करें

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