
जम्मू-कश्मीर 2024-25:विकास, अवसर और संभावनाओं की नई उड़ान
जम्मू-कश्मीर 2024-25: जो कभी सिर्फ अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता था, अब आर्थिक, सामाजिक और औद्योगिक क्षेत्रों में भी नया मुकाम हासिल कर रहा है। 2024-25 की विकास रिपोर्ट इस क्षेत्र के व्यापक बदलावों की कहानी कहती है। आइए जानते हैं कि कैसे यह केंद्र शासित प्रदेश नए भारत की तस्वीर बन रहा है।
1.जम्मू-कश्मीर 2024-25 बिजनेस और स्टार्टअप्स का नया दौर
प्रदेश ने अगले पाँच वर्षों में 2,000 स्टार्टअप्स की स्थापना का लक्ष्य रखा है। इसके लिए:
वेंचर कैपिटल फंड: ₹250 करोड़ का लक्ष्य तय किया गया है।
मेंटरशिप अनुदान: तकनीकी मार्गदर्शन के लिए ₹10 लाख तक की सहायता।
इन्क्यूबेशन सेंटर: पंपोर, बारी ब्राह्मणा सहित विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार हेतु ₹50 लाख तक की पूंजी अनुदान।
2.आर्थिक तरक्की की नई ऊँचाइयाँ
वास्तविक जीएसडीपी वृद्धि: 7.06% (2024-25)
नाममात्र जीएसडीपी: ₹2.65 लाख करोड़
प्रति व्यक्ति आय: ₹1,54,703 (10.6% की वृद्धि)
सीएजीआर (2019-24): 8.3% – पंजाब, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश से अधिक।
3.पर्यटन में ज़बरदस्त उछाल
कुल पर्यटक आगमन: 2.36 करोड़
वैष्णो देवी: 94.56 लाख
अमरनाथ यात्रा: 5.12 लाख
विदेशी पर्यटक: 65,000
जी-20 शिखर सम्मेलन से वैश्विक पहचान बढ़ी।
होम स्टे योजनाएँ: स्थानीय लोगों को रोजगार और आय दोनों
4.रोज़गार और उद्योग क्षेत्र में वृद्धि
बेरोज़गारी दर: 6.1% (घटकर 6.7% से नीचे आई)
सक्रिय औद्योगिक इकाइयाँ: 1,984 (₹9,606 करोड़ का निवेश)
स्वरोज़गार इकाइयाँ: 40,778 (1.16 लाख नौकरियाँ)
कुल स्वीकृत योजनाएँ: 39,385
5.बुनियादी ढांचे में क्रांति
दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे: यात्रा समय 6 घंटे
कश्मीर रेल सेवा: चालू
जम्मू सेमी रिंग रोड: 98% पूर्ण (जून 2025 तक)
जलविद्युत: 3014 मेगावाट परियोजनाएँ चालू
6.सामाजिक क्षेत्र में उन्नति
नवजात मृत्यु दर: 9.8
जीवन प्रत्याशा: 74.3 वर्ष – देश में तीसरा स्थान
नई स्वास्थ्य संस्थाएँ: 2 एम्स, 2 कैंसर संस्थान, 10 मेडिकल कॉलेज
आयुष्मान कार्ड: 86.12 लाख लाभार्थी, ₹2,800 करोड़ की बचत
7.कृषि और बागवानी में नवाचार
खाद्य फसल उत्पादन: +7.12% वार्षिक
बागवानी क्षेत्र: 35 लाख लोगों को रोजगार
कृषि परियोजना निवेश: ₹5,013 करोड़, 2.88 लाख नौकरियाँ संभावित
ई-नाम व्यापार: ₹501 करोड़ (20% वार्षिक वृद्धि)
8.वित्तीय स्वास्थ्य
कर राजस्व: ₹10,624 करोड़ (9 माह में)
बिजली से गैर-कर राजस्व: 67%
वाहन कर संग्रह: +96% YOY
ऋण-जमा अनुपात: 62.01%
प्रत्येक 5,624 व्यक्तियों पर 1 बैंक
9.सतत विकास की दिशा में मजबूत कदम
एसडीजी सूचकांक: केंद्र शासित प्रदेशों में दूसरा स्थान (स्कोर: 74)
जल आपूर्ति: 81% घरों तक नल जल
सौर ऊर्जा: 76 मेगावाट (लक्ष्य: 270 मेगावाट)
निष्कर्ष: जम्मू-कश्मीर 2024-25 अब सिर्फ पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि बिजनेस, शिक्षा, रोजगार और सामाजिक विकास का केंद्र बनता जा रहा है। इन योजनाओं और उपलब्धियों से स्पष्ट है कि यह प्रदेश भारत के विकासशील भविष्य का महत्वपूर्ण स्तंभ बनने को तैयार है।