
टाइप 5 डायबिटीज़:एक उभरता हुआ ख़तरा जिसे माता-पिता को जानना ज़रूरी है
टाइप 5 डायबिटीज़: डायबिटीज़ के क्षेत्र में एक नया नाम सामने आया है – टाइप 5 डायबिटीज़, जिसे अब इंटरनेशनल डायबिटीज़ फेडरेशन (IDF) ने आधिकारिक रूप से मान्यता दी है। यह नई पहचान मधुमेह की समझ और विशेष रूप से कुपोषित युवाओं पर इसके प्रभाव को देखने के तरीके में एक बड़ा बदलाव लाती है।
1.क्या है टाइप 5 डायबिटीज़?
टाइप 5 डायबिटीज़, जिसे कुपोषण-संबंधी डायबिटीज़ भी कहा जाता है, मुख्य रूप से कम और मध्यम आय वाले देशों में देखी जाती है, जहाँ किशोर और युवा वयस्क लंबे समय तक कुपोषण के शिकार रहते हैं। यह मधुमेह का ऐसा रूप है जो गंभीर इंसुलिन की कमी और खराब चयापचय नियंत्रण से जुड़ा होता है।
IDF के अनुसार, दुनियाभर में लगभग 20 से 25 मिलियन लोग इस प्रकार की डायबिटीज़ से प्रभावित हैं, और इनमें से अधिकतर एशिया और अफ्रीका के क्षेत्र में पाए जाते हैं।
2.इतिहास और पहचान
टाइप 5 डायबिटीज़ की पहली रिपोर्ट 1955 में जमैका में दर्ज की गई थी। इसके बाद 1960 के दशक में भारत, पाकिस्तान और उप-सहारा अफ्रीका के कुछ हिस्सों में भी इसे देखा गया। लेकिन दुर्भाग्यवश, इस स्थिति को अक्सर टाइप 1 या टाइप 2 डायबिटीज़ के रूप में गलत वर्गीकृत कर दिया जाता था।
हाल के वर्षों में, डॉ. हॉकिन्स के नेतृत्व में हुए शोध से यह साफ हुआ है कि टाइप 5 डायबिटीज़ की अपनी एक अलग चयापचय प्रोफ़ाइल होती है, जो इसे अन्य प्रकारों से अलग बनाती है।
3.यह स्थिति क्यों होती है?
टाइप 5 डायबिटीज़ का मुख्य कारण दीर्घकालिक कुपोषण होता है। पोषक तत्वों की कमी के कारण शरीर का अग्न्याशय (Pancreas) ठीक से विकसित नहीं हो पाता, जिससे शरीर में इंसुलिन का उत्पादन बहुत कम हो जाता है।
4.लक्षण जो माता-पिता को जानने चाहिए
टाइप 5 डायबिटीज़ के लक्षण अक्सर अन्य प्रकार की डायबिटीज़ से अलग होते हैं और ये मोटापे के बिना भी दिख सकते हैं, जिससे इनका पहचानना मुश्किल हो जाता है। इसके प्रमुख लक्षण हैं:
बिना किसी कारण के वजन का कम होना या रुक जाना
सामान्य विकास में रुकावट
बार-बार संक्रमण होना
अत्यधिक प्यास लगना और अधिक पेशाब आना
भूख में कमी और पाचन की समस्या
त्वचा पर काले धब्बे, विशेष रूप से गर्दन के आसपास
घावों का धीरे-धीरे भरना
थकान और एकाग्रता में कमी
स्कूल में प्रदर्शन पर असर
5.IDF के अनुसार उपचार की दिशा में सुधार संभव है?
IDF के अनुसार, टाइप 5 डायबिटीज़ को वैश्विक स्तर पर पहचानना एक ऐतिहासिक क्षण है। “टाइप 5 डायबिटीज़ वर्किंग ग्रुप” की शुरुआत इस दिशा में पहला बड़ा कदम है, जिससे इस अनदेखी बीमारी के प्रति जागरूकता और उपचार की दिशा में सुधार संभव हो सकेगा। लाखों लोगो को पता होना चाहिए कि डायबिटीज़ से कैसे बचे और आपने परिवार को सुरक्षित कैसे रख सकते है।
प्रोफेसर श्वार्टज़ ने इसे एक वैज्ञानिक, मानवीय और नैतिक ज़िम्मेदारी बताया है — ताकि लाखों लोग जो अब तक उचित देखभाल से वंचित रहे हैं, उन्हें मदद मिल सके।
निष्कर्ष: टाइप 5 डायबिटीज़ कोई नया रोग नहीं है, लेकिन इसकी पहचान और समझ अभी सामने आई है। माता-पिता के लिए यह ज़रूरी है कि वे इसके लक्षणों को समझें और समय रहते चिकित्सीय सलाह लें, ताकि बच्चों का जीवन और भविष्य सुरक्षित किया जा सके।