पीएम मोदी का भाषण:
पीएम मोदी का भाषण: 12 मई, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई को दिए अपने साहसिक भाषण में पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि भारत अब परमाणु ब्लैकमेल बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता रखता है और यह न तो युद्धों की सदी है और न ही आतंकवाद की सदी होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि “बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते। खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। अब बातचीत सिर्फ़ आतंक और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) पर होगी।” यह बयान भारत की आतंकवाद पर सख्त नीति को दर्शाता है।

ऑपरेशन सिंदूर: नई लाल रेखा
पीएम मोदी ने खुलासा किया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों के प्रति भारत की नीति में एक नई लाल रेखा खींच दी है। उन्होंने कहा, “हमने सिर्फ अपना हमला टाला है, हम उनकी गतिविधियों पर नजर रखेंगे।” उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन के तहत 100 से अधिक खतरनाक आतंकवादियों को मार गिराया गया, जो भारत के खिलाफ साजिशें रच रहे थे।
भारत की सैन्य शक्ति और आत्मनिर्भरता
प्रधानमंत्री ने भारत में निर्मित रक्षा उपकरणों की सराहना करते हुए कहा कि भारत ने हर क्षेत्र में अपनी ताकत दिखाई है, चाहे वह पारंपरिक युद्ध हो या नया युग का तकनीकी युद्ध। उन्होंने कहा, “हमने पाकिस्तान के हवाई ठिकानों को नष्ट कर दिया, हमने अंदर घुसकर हमला किया।”
परमाणु ब्लैकमेल और पाकिस्तान को सख्त चेतावनी
प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत परमाणु ब्लैकमेल बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा, “अगर पाकिस्तान खुद को बचाना चाहता है, तो उसे देश में अपने आतंकी ढांचे को खत्म करना होगा। इसके अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है।”
नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि
पीएम मोदी ने कहा कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर समय तैयार रहेगा और जरूरत पड़ने पर साहसिक निर्णय लेने से पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अब हर आतंकवादी संगठन जानता है कि अगर उन्होंने भारत की महिलाओं का सिंदूर मिटाया, तो उन्हें उसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।
निष्कर्ष: भारत की नई नीति – निर्णायक कार्रवाई
प्रधानमंत्री मोदी का यह भाषण भारत की बदलती रणनीति को दर्शाता है – अब आतंकवाद के खिलाफ सिर्फ बयान नहीं, निर्णायक कार्रवाई होगी। ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य मिशन नहीं, बल्कि भारत की आत्मा और न्याय की पुकार है।
“जब देश एकजुट होता है, तो साहसिक निर्णय लिए जा सकते हैं।” – पीएम मोदी