
प्रधानमंत्री मोदी एलन मस्क मुलाकात:भारत-अमेरिका साझेदारी में नई संभावनाएं
नई दिल्ली, 18 अप्रैल 2025: प्रधानमंत्री मोदी एलन मस्क मुलाकात: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और टेस्ला-स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क के बीच हाल ही में एक अहम बातचीत हुई, जिसमें दोनों पक्षों ने तकनीक और नवाचार के क्षेत्रों में भारत और अमेरिका के सहयोग को और मजबूत करने पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए कहा, “एलन मस्क से बात की और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की, जिनमें इस साल की शुरुआत में वाशिंगटन डीसी में हुई हमारी बैठक के विषय भी शामिल थे। हमने प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्रों में सहयोग की अपार संभावनाओं पर चर्चा की। भारत अमेरिका के साथ साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
Table of Contents
•टेस्ला और स्टारलिंक की भारत में बढ़ती रुचि
•PM मोदी ने मस्क के बच्चों को भेंट की भारतीय किताबें
•सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं में प्रतिस्पर्धा तेज
•व्यापार समझौते पर भी बातचीत जारी
1.टेस्ला और स्टारलिंक की भारत में बढ़ती रुचि

यह बातचीत ऐसे समय में हुई है जब एलन मस्क की कंपनियां—टेस्ला और स्टारलिंक—भारतीय बाजार में प्रवेश को लेकर गहरी दिलचस्पी दिखा रही हैं। टेस्ला भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने के लिए सरकारी अधिकारियों के साथ बातचीत कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी एलन मस्क मुलाकात हुई।
वहीं, स्पेसएक्स की सैटेलाइट इंटरनेट सेवा स्टारलिंक को लेकर भी भारत में सक्रिय प्रयास जारी हैं। रिलायंस जियो ने हाल ही में मस्क की कंपनी के साथ साझेदारी का ऐलान किया है। भारती एयरटेल की पैरेंट कंपनी ने भी इसी तरह का करार किया है।
2.PM मोदी ने मस्क के बच्चों को भेंट की भारतीय किताबें

प्रधानमंत्री मोदी एलन मस्क मुलाकात पहले फरवरी में प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान दोनों नेताओं की आमने-सामने मुलाकात हुई थी। इस अवसर पर पीएम मोदी ने मस्क के बच्चों को भारतीय साहित्य से जुड़ी किताबें—रवींद्रनाथ टैगोर की The Crescent Moon, आर.के. नारायण की The Great R.K. Narayan Collection और पंचतंत्र—भेंट की थीं। बाद में इन किताबों के साथ बच्चों की तस्वीरें भी साझा की गईं।
3.सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं में प्रतिस्पर्धा तेज

प्रधानमंत्री मोदी एलन मस्क मुलाकात पहले स्टारलिंक की भारत में सेवाएं शुरू होने से पहले उसे अभी सुरक्षा मंजूरी की प्रतीक्षा है। इस बीच सरकार ने यूटेलसैट वनवेब और जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशंस को अस्थायी लाइसेंस दे दिए हैं, हालांकि स्पेक्ट्रम नीति पर अभी निर्णय लंबित है।
विशेषज्ञों का मानना है कि स्टारलिंक इस क्षेत्र में एक “गेम चेंजर” साबित हो सकता है, क्योंकि यह 6,750 से अधिक उपग्रहों का संचालन करता है, जो दुनिया में सबसे बड़ा उपग्रह नेटवर्क है। वहीं इसके प्रतिस्पर्धियों के पास अभी सीमित क्षमता है।
4.व्यापार समझौते पर भी बातचीत जारी
यह बातचीत भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते की पृष्ठभूमि में भी अहम मानी जा रही है। दोनों देशों ने इस साल शरद ऋतु (सितंबर-अक्टूबर) तक समझौते के पहले चरण को अंतिम रूप देने का लक्ष्य रखा है।
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