महाराष्ट्र भारी बारिश अलर्ट: दक्षिण-पश्चिम मानसून की महाराष्ट्र में समय से पहले दस्तक ने पूरे राज्य में मौसम का मिजाज बदल दिया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने महाराष्ट्र के कई जिलों के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इससे राज्यभर में सतर्कता बढ़ा दी गई है और प्रशासन लोगों से सतर्क रहने की अपील कर रहा है।

मुंबई और पुणे हाई अलर्ट पर
मुंबई में आईएमडी ने आने वाले 24 घंटों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। शहर में बादल छाए रहने की संभावना है, और तापमान 24°C से 31°C के बीच बना रहेगा। शुरुआती मानसूनी बारिश से शहर के विभिन्न हिस्सों में छिटपुट बारिश देखी गई है।
वहीं पुणे के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। यहां भी बादल छाए रहेंगे और बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है। प्रशासन ने नागरिकों से अत्यधिक वर्षा के समय घरों में रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है।
चार जिलों में रेड अलर्ट
IMD ने सतारा, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग और कोल्हापुर जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है। इन क्षेत्रों में अत्यधिक और व्यापक वर्षा की संभावना जताई गई है। यह चेतावनी मानसून की जल्दी शुरुआत के कारण है, जो कि इस वर्ष सामान्य से लगभग डेढ़ सप्ताह पहले महाराष्ट्र पहुंच गया है।
मानसून पूर्वानुमान: महाराष्ट्र में अच्छी वर्षा की संभावना
मौसम विभाग के अनुसार, इस साल महाराष्ट्र के सभी चार मौसम उपविभागों में औसत से बेहतर मानसून की उम्मीद है:
मराठवाड़ा: सामान्य से 112% अधिक वर्षा
मध्य महाराष्ट्र: 110% अधिक वर्षा
विदर्भ: 109% अधिक वर्षा
कोंकण और गोवा: 107% अधिक वर्षा
जून महीने में भी सामान्य से अधिक बारिश की संभावना जताई गई है, खासकर कोंकण, मराठवाड़ा और विदर्भ क्षेत्रों में।
पुणे का 5-दिवसीय मौसम पूर्वानुमान (29 मई – 2 जून)
तारीख मौसम स्थिति तापमान
29 मई मध्यम बारिश 22°C – 30°C
30-31 मई हल्की बारिश, हल्की ठंडक
1-2 जून बारिश की तीव्रता में वृद्धि, उच्च नमी
प्रशासन की अपील
प्रशासन ने उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को सरकारी घोषणाओं और मौसम अपडेट्स पर नजर बनाए रखने की सलाह दी है। साथ ही, अत्यधिक वर्षा के समय खुले में जाने से बचने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की गई है।
निष्कर्ष: महाराष्ट्र में मानसून की जल्दी दस्तक जहां एक ओर राहत लेकर आई है, वहीं दूसरी ओर भारी बारिश के कारण सतर्कता भी आवश्यक है। नागरिकों से अनुरोध है कि वे मौसम विभाग और स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें और सुरक्षा को प्राथमिकता दें।