
म्यांमार भूकंप के झटके भारत के मेघालय और मणिपुर के कुछ इलाकों में भी महसूस किये गये
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कई ऐतिहासिक इमारतें और पुल नष्ट हो गए हैं। . इसके अलावा बांग्लादेश और ढाका और चटगांव के साथ-साथ चीन के भी कुछ इलाकों में इसका असर देखा गया.
1.म्यांमार भूकंप मैं कितनी हानि और नुकसान हुआ?
म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप के बाद मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया गया है. देश के एक सैन्य अधिकारी के मुताबिक इस त्रासदी में कम से कम 1000 लोगों की मौत हो गई है और 2376 लोग घायल हो गए हैं. हालाँकि, अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण एजेंसी (यूएसजीएस) का कहना है कि मरने वालों की संख्या 10,000 तक हो सकती है। मलबे में अभी भी दबे शवों और जीवित बचे लोगों की तलाश जारी है कल शुक्रवार 28 मार्च को आया भूकंप इतना शक्तिशाली और भयानक था कि इसका असर 900 किलोमीटर दूर थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भी देखा गया.
2.म्यांमार भूकंप मैं भागने का मौका भी नहीं मिला
म्यांमार में आई आपदा से बचे एक शख्स ने कहा, ‘जब भूकंप आया तो वह बाथरूम में था। वहीं उनके साथ कुछ अन्य लोगों ने भी बाहर निकलने की कोशिश की. लेकिन तभी एक और भूकंप आया और इमारत ढह गई. मेरी दादी, चाची और चाचा अभी भी लापता हैं।’ कितनेसारे लोग लापता है।
3.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार को मदद देने का ऐलान किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार को मदद देने का ऐलान किया है. भारत ने ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत IAF C 130 J विमान द्वारा म्यांमार के लिए सोलर लैंप, भोजन के पैकेट और अन्य रसोई के सामान सहित 15 टन राहत सामग्री भेजी है।
4.म्यांमार सरकार ने मदद मांगी
म्यांमार वर्षों से गृहयुद्ध से जूझ रहा है। जिसके कारण देश की स्थिति ठीक नहीं है. भूकंप के बाद उन्हें बिजली और पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है. वहां की सैन्य सरकार के प्रमुख मिन आंग फ़्लिंग ने दूसरे देशों से मदद की अपील की है.
इसलिए भूकंप के बाद थाई सरकार ने बैंकॉक में आपातकाल की घोषणा कर दी है। 28 मार्च को एक इमारत गिरने से कम से कम 10 लोग मारे गए। 100 कर्मचारी अभी भी लापता हैं।
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