
3D होलोग्राम से बातचीत: “अब होलोग्राम सिर्फ दिखते नहीं, महसूस भी होते हैं!”
3D होलोग्राम से बातचीत:3D होलोग्राफिक सिस्टम उपयोगकर्ताओं को हवा में हाथ से ही छवि के साथ बातचीत करने में सक्षम बनाता है। कोई दस्ताने नहीं, कोई नियंत्रक नहीं, कोई हेडसेट नहीं। हम अपने हाथों का उपयोग करके तैरते हुए होलोग्राम को छू सकते हैं और उनसे बातचीत कर सकते हैं।”
1.3D होलोग्राम से बातचीत में व्यावहारिक बातचीत अब हकीकत बन गई है
कल्पना कीजिए कि आप हवा में तैरती हुई किसी 3D छवि को छू रहे हैं—बिना किसी दस्ताने, हेडसेट या नियंत्रक के। यह अब केवल विज्ञान-कथा नहीं रह गई है। पब्लिक यूनिवर्सिटी ऑफ नवारा (UPNA) के शोधकर्ताओं ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है जो उपयोगकर्ताओं को तैरते हुए होलोग्राम के साथ सीधे हाथ से बातचीत करने में सक्षम बनाती है।
2.3D होलोग्राम से बातचीत में छूने का अनुभव देती है?
इस होलोग्राफिक सिस्टम के प्रमुख शोधकर्ता और कंप्यूटर विज्ञान के प्रोफेसर असियर मार्जो बताते हैं,”हम स्वाभाविक रूप से अपने फोन पर टैप और स्वाइप करते हैं। यह तकनीक उसी अनुभव को 3D स्पेस में लेकर आती है—अब आप अपने हाथों से होलोग्राम को छू सकते हैं और उनसे बातचीत कर सकते हैं।”
यह तकनीक अभी शुरुआती चरण में है, और इसकी व्यापक समीक्षा बाकी है, लेकिन इसके संभावित उपयोग असीम हैं।
3.कहां-कहां बदल सकता है इसका इस्तेमाल?
1. शिक्षा:छात्र 3D में आभासी इंजन बना सकते हैं या एनाटॉमी मॉडल को छूकर सीख सकते हैं।
2. संग्रहालय:पर्यटक बिना VR हेडसेट या टचस्क्रीन के ऐतिहासिक वस्तुओं को अनुभव कर सकते हैं।
3. सहयोग:कई उपयोगकर्ता एक साथ एक ही होलोग्राफिक ऑब्जेक्ट पर काम कर सकते हैं, जैसे कि डिजिटल व्हाइटबोर्ड।
4. मनोरंजन:भविष्य के गेमिंग और AR अनुभवों में होलोग्राफिक पात्रों से स्पर्श के जरिए इंटरैक्शन संभव होगा।
4.वीआर हेडसेट की सीमाओं को पार करता हुआ
इस तकनीक की सबसे रोमांचक बात यह है कि यह लोगों को भौतिक स्थान में एक साथ होलोग्राम के माध्यम से बातचीत करने का अवसर देती है—जो परंपरागत VR हेडसेट्स में मुश्किल होता है। अब “होलोग्राम” सिर्फ देखने की चीज नहीं रहे, वे अब महसूस भी किए जा सकते हैं।
यह नवाचार यूरोपीय अनुसंधान परिषद (ERC) द्वारा समर्थित इंटेवॉल परियोजना का हिस्सा है और इसे जापान में होने वाले CHI सम्मेलन (26 अप्रैल – 1 मई) में प्रस्तुत किया जाएगा।
मुख्य लेखक शोधकर्ता बौज़बीब ने बताया कि जिन्हें हम फिल्मों में “होलोग्राम” कहते हैं, वे असल में वॉल्यूमेट्रिक ग्राफिक्स होते हैं। और अब, वे न केवल कई कोणों से दिखते हैं, बल्कि छुए भी जा सकते हैं।
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