
भारत यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल: एक गौरव मयी झलक
भारत यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल: भारत, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और विविधता के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। हाल के वर्षों में यूनेस्को (UNESCO) ने भारत के कई नए स्थलों को विश्व धरोहर सूची में शामिल किया है। ये स्थल न केवल भारत के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक वैभव को दर्शाते हैं, बल्कि वैश्विक स्तर पर हमारी धरोहर को भी समृद्ध करते हैं। आइए नज़र डालते हैं भारत के 7 नए और प्रमुख यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों पर।
1. जयपुर शहर, राजस्थान (2019)

“गुलाबी नगर” के नाम से प्रसिद्ध जयपुर अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, सुनियोजित नगर नियोजन और राजपूत तथा मुगल स्थापत्य शैली के शानदार मिश्रण के लिए जाना जाता है। इसकी हवेलियाँ, महल, चौड़ी सड़कों और जीवंत बाजार इसे एक अद्वितीय पर्यटन स्थल बनाते हैं। ये भारत यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में शामिल है।
2. विक्टोरियन गोथिक और आर्ट डेको परिसर, मुंबई (2018)

मुंबई के फोर्ट क्षेत्र और मरीन ड्राइव में स्थित ये इमारतें विक्टोरियन गोथिक और आर्ट डेको स्थापत्य शैलियों का अनूठा संगम प्रस्तुत करती हैं। यहाँ यूरोपीय प्रभाव और भारतीय परंपरा का सुंदर मेल देखने को मिलता है, जो शहर की औपनिवेशिक विरासत को जीवंत करता है। ये भारत यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में शामिल है।
3. काकतीय रुद्रेश्वर (रामप्पा) मंदिर, तेलंगाना (2021)

तेलंगाना के काकतीय वंश द्वारा निर्मित रामप्पा मंदिर 13वीं शताब्दी की उत्कृष्ट वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण है। इस मंदिर की विशेषता इसकी हल्की तैरती ईंटें हैं, जिनकी तकनीक आज भी इंजीनियरों और इतिहासकारों को चकित करती है। ये भारत यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में शामिल है।
4. धोलावीरा – हड़प्पा शहर, गुजरात (2021)

धोलावीरा सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्राचीन और अत्यंत महत्वपूर्ण नगर है। यह अपने सुनियोजित नगर नियोजन, जल संचयन प्रणालियों और भव्य किलों के लिए प्रसिद्ध है। धोलावीरा की खोज से हमें हड़प्पा सभ्यता के उन्नत सामाजिक और तकनीकी ज्ञान का पता चलता है। ये भारत यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में शामिल है।
5. रामप्पा मंदिर, तेलंगाना (2021)

हालाँकि काकतीय रुद्रेश्वर मंदिर और रामप्पा मंदिर एक ही स्थल को संदर्भित करते हैं, फिर भी यह उल्लेखनीय है कि इस मंदिर की स्थापत्य विशेषताएँ जैसे कि जटिल नक्काशी और सुंदर मूर्तियाँ इसे विशेष बनाती हैं। ये भारत यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में शामिल है।
6. कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान, सिक्किम (2016)

यह शानदार राष्ट्रीय उद्यान, दुनिया की तीसरी सबसे ऊँची चोटी – कंचनजंगा – का घर है। अपनी समृद्ध जैव विविधता, औषधीय पौधों, दुर्लभ जीव-जंतुओं और गहरी आध्यात्मिकता के कारण यह स्थल प्रकृति प्रेमियों और साधकों दोनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। ये भारत यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में शामिल है।
7. अहोम राजवंश के मोइदम, असम (2024)

असम में स्थित मोइदम, अहोम राजवंश के राजाओं के शाही समाधि टीले हैं। ये टीले असम की महान ऐतिहासिक विरासत का प्रमाण हैं और पूर्वोत्तर भारत के पहले यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त कर गर्व का विषय बने हैं। ये भारत यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में शामिल है।
निष्कर्ष: भारत की भूमि इतिहास, संस्कृति और प्राकृतिक वैभव से समृद्ध है। इन नए विश्व धरोहर स्थलों की सूची यह साबित करती है कि भारत की विविधता और धरोहरें आज भी वैश्विक पटल पर उतनी ही महत्वपूर्ण और आकर्षक हैं। इन स्थलों की यात्रा न केवल इतिहास की गहराइयों में ले जाती है, बल्कि भारत की अद्वितीयता को भी महसूस कराती है।
तो अगली बार जब आप यात्रा की योजना बनाएं, तो इन अद्भुत स्थलों को अपनी सूची में अवश्य शामिल करें!