
Dolo 650: “बुखार की गोली या लिवर का दुश्मन? जानिए डोलो-650 के पीछे की हकीकत”
1.हर घर की आम दवा
“Dolo 650” – यह नाम शायद ही किसी भारतीय ने न सुना हो। सिरदर्द, बुखार, बदन दर्द या हल्की थकान – हर परेशानी में यह एक गोली जैसे जादुई इलाज की तरह दी जाती है। लेकिन क्या यह आम दवा वाकई इतनी बेगुनाह है? हाल ही में एक अमेरिकी डॉक्टर की चेतावनी ने इसपर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
2.एक ट्वीट ने छेड़ी बहस
अमेरिका में रहने वाले गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. पलानीअप्पन मनिकम (डॉ. पाल) ने एक ट्वीट में लिखा, “भारतीय Dolo 650 को ऐसे लेते हैं जैसे कि वह कैडबरी जेम्स हो।” मज़ाकिया लगने वाला यह ट्वीट दरअसल एक गंभीर मुद्दे की ओर इशारा कर रहा था – भारत में दवाओं के अंधाधुंध इस्तेमाल की प्रवृत्ति।
3.डोलो-650 क्या है?
Dolo 650 में 650 मिलीग्राम पैरासिटामोल होता है, जो आमतौर पर मिलने वाली 500 मिलीग्राम की खुराक से ज्यादा है। इसे माइक्रो लैब्स लिमिटेड द्वारा निर्मित किया जाता है। कोविड-19 महामारी के दौरान इसके इस्तेमाल में भारी इजाफा हुआ, जब लोगों को बुखार या वैक्सीन के रिएक्शन के लिए पैरासिटामोल लेने की सलाह दी गई।
4.दवाओं की आदत या लत?
इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर हजारों लोगों ने कबूल किया कि वे Dolo 650 का सेवन सिर्फ बुखार ही नहीं, बल्कि थकान, स्ट्रेस या कभी-कभी “बिना किसी वजह के” भी कर लेते हैं। यह चिंता का विषय है, क्योंकि दवाओं का ऐसा बेहिसाब और अनियंत्रित इस्तेमाल कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है।
5.डॉक्टरों की चेतावनी: यह कोई कैंडी नहीं
डॉ. पाल ने साफ कहा कि यह कोई कैंडी नहीं है। बार-बार इसका सेवन लक्षणों को दबा सकता है, जिससे असली बीमारी की पहचान में देरी हो सकती है। पैरासिटामोल का ओवरडोज़ दुनिया भर में तीव्र यकृत विफलता (acute liver failure) का प्रमुख कारण है।
6.शरीर पर असर: लिवर और किडनी पर बोझ
यकृत शरीर की फ़िल्टरिंग मशीन है, जो दवाओं और विषाक्त पदार्थों को तोड़ता है। लगातार Dolo 650 का सेवन लिवर पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे सूजन, विषाक्तता और गंभीर मामलों में लिवर फेल होने का खतरा हो सकता है। इसके अलावा, किडनी पर भी इसका दीर्घकालिक असर पड़ सकता है।
7.डोलो-650 को लेकर विवाद
2022 में, एक जनहित याचिका में Dolo 650 के निर्माताओं पर यह आरोप लगाया गया कि उन्होंने डॉक्टरों को दवा लिखने के लिए 1,000 करोड़ रुपये के उपहार बांटे। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ ने भी टिप्पणी की, “मुझे भी कोविड के दौरान इसे लेने की सलाह दी गई थी।”
8.निष्कर्ष: सोच-समझ कर लें दवा
Dolo 650, जब सही समय पर और सही खुराक में ली जाए, तो असरदार दवा है। लेकिन बिना डॉक्टर की सलाह के बार-बार इसका सेवन करना नुकसानदायक हो सकता है। यह एक चेतावनी है कि हम किसी भी दवा को “घर की मिठाई” न समझें।
क्या करें:
1.दवा लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
2.लगातार लक्षण बने रहें तो कारण की जांच करवाएं।
3.प्राकृतिक तरीके जैसे आराम, पानी, और पौष्टिक आहार को प्राथमिकता दें।
4.आख़िर में, कोई भी दवा तब तक ही मददगार है, जब तक उसका उपयोग संतुलित और जागरूकता के साथ किया जाए।
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