Kesari Chapter 2:शंकरन नायर की वह कहानी जिसने ब्रिटिश साम्राज्य को हिला दिया

Kesari Chapter 2:शंकरन नायर की वह कहानी जिसने ब्रिटिश साम्राज्य को हिला दिया

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Kesari Chapter 2-असली हीरो की अनकही कहानी: सर चेट्टूर शंकरन नायर

1.Kesari Chapter 2: शंकरन नायर की वह कहानी जिसने ब्रिटिश साम्राज्य को हिला दिया

क्या आपने कभी सोचा है कि अगर कोई अकेला इंसान ब्रिटिश साम्राज्य जैसे विशाल और शक्तिशाली शासन के खिलाफ खड़ा हो जाए, तो क्या हो सकता है? ‘Kesari Chapter 2’ एक ऐसे ही असली हीरो की कहानी पर आधारित है, जिसने अन्याय के सामने झुकने से इनकार कर दिया। यह फिल्म हमें लेकर जाती है भारत के उस कठिन दौर में जब सच्चाई बोलना भी एक क्रांति थी।

2.एक साहसी नेता: सर चेट्टूर शंकरन नायर

सर चेट्टूर शंकरन नायर एक उद्यमशील वकील, समाज सुधारक और नेता थे। वे ब्रिटिश वायसराय काउंसिल में सर्वोच्च पद पर आसीन भारतीय थे। लेकिन 13 अप्रैल 1919 को हुए जलियांवाला बाग हत्याकांड ने उनके भीतर की आत्मा को झकझोर दिया। जब जनरल डायर के नेतृत्व में ब्रिटिश सेना ने अमृतसर के जलियांवाला बाग में निहत्थे लोगों पर गोलियां बरसाईं, तो 400 से अधिक लोग मारे गए और 1200 से अधिक घायल हुए।

ब्रिटिश हुकूमत ने इस नृशंसता को “आवश्यक कार्रवाई” बताकर छुपाने की कोशिश की, लेकिन नायर ने इसे “हत्या” करार देते हुए वायसराय काउंसिल से इस्तीफा दे दिया। उनका स्पष्ट संदेश था –”मैं ऐसे शासन की सेवा नहीं करूंगा जो मेरे ही लोगों को मारता है।”

3.’Gandhi and Anarchy’ – सच्चाई का दस्तावेज़

नायर की लड़ाई इस्तीफे के बाद भी जारी रही। उन्होंने ‘Gandhi and Anarchy’ नामक किताब लिखी, जिसमें ब्रिटिश सरकार की क्रूरता का खुलासा किया और उन अधिकारियों के नाम उजागर किए जो जलियांवाला बाग हत्याकांड के ज़िम्मेदार थे। इस किताब ने ब्रिटिश सरकार को असहज कर दिया और वे बदले की भावना से भर उठे।

पंजाब के पूर्व उपराज्यपाल माइकल ओ’डायर ने नायर के खिलाफ लंदन में मानहानि का मुकदमा दायर किया। यह मुकदमा भारत के इतिहास में सबसे बड़े और चर्चित नागरिक मामलों में से एक बन गया, जो पूरे 5 सप्ताह तक चला।

4.अदालत में संघर्ष, लेकिन नैतिक जीत

इस मुकदमे के दौरान कई चौंकाने वाले सच सामने आए। यह स्पष्ट हुआ कि जलियांवाला बाग की गोलीबारी कोई आकस्मिक घटना नहीं थी, बल्कि एक पूर्व-योजनाबद्ध साजिश थी। ब्रिटिश अधिकारियों ने इसे भारतीयों के विरोध को दबाने के लिए जानबूझकर अंजाम दिया था।

हालांकि ब्रिटिश अदालतों में न्याय दुर्लभ था – जज पहले से ही पक्षपाती थे और जूरी का फैसला सर्वसम्मत नहीं था। अंततः नायर को केस में हार का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने माफ़ी मांगने के बजाय £500 का जुर्माना देना स्वीकार किया।

लेकिन यह हार नहीं थी – यह नैतिक जीत थी। नायर ने वह कर दिखाया जो उस दौर में बहुत कम लोग कर सकते थे – सच्चाई को उजागर करना, भले ही उसकी कीमत चुकानी पड़े।

5.अब बड़े पर्दे पर जिंदा हो रही है ये कहानी

‘Kesari Chapter 2’ न केवल एक फिल्म है, बल्कि यह एक इतिहास है – एक ऐसी कहानी जो हमें याद दिलाती है कि सच्चे नायक वही होते हैं जो अकेले खड़े होकर भी पूरी व्यवस्था से टकरा जाते हैं।

6.Kesari Chapter 2 मूवी कब सिनेमा घर में आने वाली है?

क्या आप भी उस साहसिक कहानी को महसूस करना चाहते हैं, जिसने एक पूरे साम्राज्य की नींव को हिला दिया?तो तैयार हो जाइए – ‘केसरी चैप्टर 2’ 18April को आपके नजदीकी सिनेमाघरों में आ रही है।इस इतिहास को जानिए, महसूस कीजिए, और दूसरों को भी बताइए –क्योंकि असली हीरो हमेशा पर्दे पर नहीं, इतिहास में होते हैं!

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