हेयर ट्रांसप्लांट हादसा:
हेयर ट्रांसप्लांट हादसा: आज की दुनिया में जहां दिखावट को पहली छाप माना जाता है, वहां कॉस्मेटिक सर्जरी — खासकर हेयर ट्रांसप्लांट — तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
लेकिन कानपुर में दो युवा इंजीनियरों की हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी के बाद मौत ने इस सौंदर्य उपचार की खतरनाक सच्चाइयों को सामने ला दिया है। एक पांच घंटे की सामान्य सी लगने वाली प्रक्रिया ने दो जिंदगियों को लील लिया और कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए।

क्या सच में “सस्ती” सर्जरी सुरक्षित है?
कानपुर की घटना में जिस सर्जरी पर लाखों खर्च होते हैं, वही महज ₹40,000-₹50,000 में की जा रही थी। विज्ञापनों में ‘पेनलेस’, ‘सेम डे डिस्चार्ज’ और ‘लो-कॉस्ट’ जैसे आकर्षक शब्दों का इस्तेमाल किया गया था।
लेकिन हेयर ट्रांसप्लांट केवल सौंदर्य प्रक्रिया नहीं है — यह एक सर्जिकल इंटरवेंशन है, जिसके लिए बाँझ वातावरण, एनेस्थीसिया एक्सपर्ट, पोस्ट-ऑप देखभाल और प्रशिक्षित डॉक्टर जरूरी होते हैं।
कैसे गैर-आपातकालीन सर्जरी बनी जानलेवा
मृतक इंजीनियर मयंक कटिहार सर्जरी के कुछ घंटों बाद चेहरे की सूजन और तेज सिरदर्द की शिकायत के साथ घर लौटे। जब उन्होंने क्लिनिक से संपर्क किया, तो उन्हें सिर्फ़ दर्दनिवारक दवाएं दी गईं, वो भी बिना जांच के। यह लापरवाही उनके लिए जानलेवा साबित हुई।
बाद में पता चला कि उन्हें सेप्सिस हो गया था। एक खतरनाक स्थिति जिसमें संक्रमण तेजी से शरीर में फैलता है।
फर्जी डिग्रियाँ और बिना लाइसेंस क्लीनिक का खौफनाक सच
जिस डॉक्टर ने यह सर्जरी की डॉ. अनुष्का तिवारी वह अब फरार हैं। उनकी मेडिकल डिग्री तक संदेह के घेरे में है। यह दर्शाता है कि भारत में कॉस्मेटिक सर्जरी इंडस्ट्री कितनी असंगठित और असुरक्षित हो सकती है।
बहुत से क्लीनिक बिना लाइसेंस और बिना योग्य स्टाफ के चल रहे हैं। मरीज शायद ही कभी डॉक्टर्स की योग्यता या सर्टिफिकेशन की जांच करते हैं और यही सबसे बड़ा जोखिम बन जाता है।
स्वास्थ्य संकट के समय कॉस्मेटिक सर्जरी: डबल खतरा
वर्तमान में जब संक्रामक बीमारियाँ जैसे डेंगू, इन्फ्लूएंजा और दवा प्रतिरोधी बैक्टीरिया बढ़ रहे हैं, तब किसी भी सर्जरी से जुड़े संक्रमण का खतरा और भी बढ़ जाता है। खुले घाव और कमजोर इम्यूनिटी घातक कॉम्बिनेशन बन सकते हैं।
किसी भी कॉस्मेटिक सर्जरी से पहले ये 5 बातें जरूर जांचें
1. डॉक्टर की जास
सुनिश्चित करें कि डॉक्टर MCI या संबंधित स्पेशलिटी बोर्ड से प्रमाणित हो। डेंटल या MBBS डिग्री वाले डॉक्टर हर तरह की सर्जरी नहीं कर सकते।
2. सर्जिकल सेटअप
क्लिनिक में इमरजेंसी उपकरण, प्रशिक्षित स्टाफ और अस्पताल स्तर की स्वच्छता जरूरी है।
3. सहमति और पोस्ट-ऑप प्लान
मरीज को सभी संभावित जोखिम बताना जरूरी है। क्लिनिक के पास आपातकालीन प्रतिक्रिया की स्पष्ट योजना होनी चाहिए
4. लागत बनाम गुणवत्ता
अत्यधिक छूट हमेशा लाल झंडा होती है। विश्वसनीय इलाज की एक न्यूनतम लागत होती है।
5. स्वास्थ्य जांच
संक्रमण, एलर्जी, मधुमेह और हृदय रोग जैसी स्थितियों की जांच जरूरी है।
निष्कर्ष: सौंदर्य से पहले सुरक्षा
कॉस्मेटिक सर्जरी आपकी सुंदरता बढ़ा सकती है — लेकिन अगर सही तरीके से ना हो, तो यह आपकी जान भी ले सकती है। कानपुर की घटना एक चेतावनी है कि “सस्ता” हमेशा “सही” नहीं होता। हमेशा जांचें, सवाल करें और तभी निर्णय लें।
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